यह वह दौर था जब भारतीय टीम के हौसले बुनादी पर छाये थे क्योंकि इस दौरे से पहेल जिस तरह से पाकिस्तान को एक दिवसीय और टेस्ट श्रंखला में हराया वह काबिले तारीफ था उससे भी पहले जिस तरह से विश्वकप में वेस्टइंडीज और जिम्बाबे के ऊपर जितने के बाद, विश्वकप ही जीत लिया, यहाँ भारत वेस्टइंडीज(अक्टूबर 1983 – दिसंबर 1983 श्रंखला के बारे में विस्तृत जानेंगे
जब विश्वकप में भारतीय क्रिकेट टीम ने वेस्टइंडीज , ऑस्ट्रेलिया और जिम्बाबे जैसी टीम को हराया उस समय वेस्टइंडीज की टीम के खिलाडी के क्लाइव लॉयड का गुस्सा सातों आसमान पर था
यहाँ एक बात और जानेंगे जिस तरह से भारत ने वेस्टइंडीज को वर्ष (1970-71) में शिकस्त दी थी उसका बदला भी लेने के लिए वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम बहुत आतुर थी
जब वेस्टइंडीज की टीम भारत पहुंची तो क्लाइव लॉयड ने भरोसा जताया की उनकी यह टीम सीरीज में हर एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच जीतेगी और श्रृंखला को दिलचस्प भी बनाएगी लेकिन दूसरी तरफ भारत के प्रशंसकों का यकीन था कि भारत वेस्टइंडीज को आसानी से हरा देगा।
भारत,वेस्टइंडीज पहला एक दिवसीय मैच (श्रीनगर):-
यह एक दिवसीय मैच श्रीनगर में खेला गया था और भारत केवल 176 रन ही बना सका क्योंकि भारतीय बल्लेबाज वेस्टइंडीज के आक्रमण के खिलाफ रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। उस समय के सलामी बल्लेबाज श्रीकांत भी अपने सर्वश्रेष्ठ स्तर पर खेल का प्रदर्शन नहीं कर सके हालांकि वह 40 के साथ मैच में भारत के लिए सर्वोच्च स्कोर बनाया
जब वेस्ट इंडीज बल्लेबाजी करने उतरा तो उनके सलामी बल्लेबाज ग्रीनिज और हेन्स ने आक्रामक शुरुआत की, एक समय 108/0 पर कोई विकेट नहीं गिरा था लेकिन खराब रोशनी के कारण मैच को बिच में रोकना पड़ा, लेकिन DLS के अनुसार बेहतर रन रेट के कारण वेस्टइंडीज ने मैच जीत लिया।
- ICC वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप, नियम, टीमें, 2023-2031
- 1983 वर्ल्ड कप, टीमें, विजेता, सबसे ज्यादा रन , विकेट
- 1979 विश्वकप, टीमें, विजेता, उपविजेता
- 1975 विश्वकप टीमें, मैदान, सेमीफाईनल, फ़ाइनल
- दुनियां में क्रिकेट और फुटवाल का इतिहास 1586 से शुरू हुआ है
भारत वेस्टइंडीज दूसरा एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच (बड़ौदा):-
भारतीय कप्तान कपिल देव ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। भारत ने 49 ओवर में 214/6 का उचित स्कोर खड़ा किया।शास्त्री ने मध्य क्रम में अन्य बल्लेबाजों की तुलना में उचित योगदान दिया उन्होंने 65 रन बनाए। यह स्कोर 80 के दशक में एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में सम्मान जनक स्कोर था।
हालांकि, उस दौर के वेस्टइंडीज के विस्फोटक बल्लेबाजी लाइन-अप के सामने भारतीय गेंदबाजी बहुत फीकी सी हो जाती थी लेकिन फिर भी भारत ने गेंद के साथ भी बहुत अच्छा प्रदर्शन किया, शास्त्री और आजाद ने कुछ अच्छी किफायती गेंदबाजी के साथ बल्लेबाजों को रोका।
वेस्ट इंडीज के लिए, ग्रीनिज 63 रनों के साथ अहम योगदान दिया लेकिन अंत में क्लाइव लॉयड द्वारा 31 रनों की आक्रामक पारी ने मैच को वेस्ट इंडीज के पक्ष में कर दिया और इस तरह इस मेहमान टीम ने 2-0 की बढ़त ले ली।
हालाकिं इस एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला में रवि शास्त्री और कीर्ति आजाद ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया इस मैच में उन्होंने किफायती गेंदबाजी की “क्रिकेट की दुनिया में एक कहावत हुआ करती थी कि क्लाइव लॉयड के हिट करने पर गेंद हिट रहती है।“
इस बात को लेकर चर्चा थी कि कपिल को टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का विकल्प चुनना चाहिए था ताकि भारतीयों को पीछा करते समय आवश्यक स्कोर का अंदाजा हो सके लेकिन जिस तरफ से भारतीय कप्तान ने टॉस जीतकर बल्लेंबजी का निर्णय लिया यह एक बेबुनियाद निर्णय था
किसी का यह भी कहना था भारतीय क्रिकेट टीम इस मैच में सुनील गावस्कर, दिलीप वेंगसरकर और मोहिंदर अमरनाथ जैसे शीर्ष बल्लेबाजों के बिना ही उतर गया इसलिये इस हार की वजह हो सकती है.लेकिन सच तो यह था कि वेस्टइंडीज ने शुरूआती दोनों एक दिवसीय अंतराष्ट्रीय मैच अपने नाम कर लिए और श्रंखला में 2-0 से बडत बना ली|
भारत वेस्टइंडीज तीसरा एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच (इंदौर):-
इस सीरीज का तीसरा एक दिवसीय अंतराष्ट्रीय मैच इंदौर में खेला गया इस मैच में भी भारतीय टीम की शुरुआत काफी सदी हुयी रही, भारत ने 47 ओवर में 240/7 ही रन बना सका हालाकिं यह स्कोल सम्मान जनक माना जाता था लेकिन जिस तरह से वेस्टइंडीज क्रिकेट खेल रही थी यह बिलकुल नहीं कह सकते थे कि भारत यह मैच जीत सकेगा
भारत की तरफ से मोहिंदर अमरनाथ ने सबसे ज्यादा 55 रनों का योगदान दिया वहीँ रवि शास्त्री, जिन्होंने नाबाद 41 रन, अशोक मल्होत्रा 40, और कपिल देव और महत्वपूर्ण योगदान के कारण भारत एक अच्छे स्कोर तक पहुंचने में सक्षम रहा
वेस्टइंडीज बल्लेबाजी के दौरान शीर्ष चार बल्लेबाजों, ग्रीनिज, हेन्स, रिचर्ड्स और लॉयड ने भारतीय स्कोर का मजाक बना दिया और इस तरफ से बल्लेबाजी की, भारतीय गेंदबाजों के हौसले पस्त कर दिए
बिना किसी परेशानी के इस मैच को समाप्त कर दिया। इस तरह वेस्टइंडीज ने वनडे सीरीज में 3-0 की विजयी बढ़त बना ली।
- ICC वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप, नियम, टीमें, 2023-2031
- 1983 वर्ल्ड कप, टीमें, विजेता, सबसे ज्यादा रन , विकेट
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- दुनियां में क्रिकेट और फुटवाल का इतिहास 1586 से शुरू हुआ है
भारत वेस्टइंडीज चौथा एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच (जमशेदपुर):-
यह क्रिकेट मैच जमशेदपुर में हुआ इस चौथे वनडे में वेस्टइंडीज ने 45 ओवर में 333/8 का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया, बल्लेबाजी करने उतरी मेहमान ने भारतीय गेंदबाजों तबियत से धुलाई की
इस मैच में कपिल देव और मदन लाल को छोड़कर, हर दूसरे भारतीय गेंदबाज ने अपने स्पैल में मेहमान टीम को जमकर रन लुटाये भारत की तरफ से खासबात यह रही, चेतन शर्मा ने भारत के लिए मैच में पदार्पण किया।
क्या कोई सोच सकता है कि मार्शाल, होल्डिंग और रॉबर्ट्स जैसों के खिलाफ इतने बड़े लक्ष्य का पीछा किया जा सकता है? भारत इस मैच में ने कभी भी स्कोर का पीछा करते नहीं दिखा और 104 रनों से मैच हार गया, पूरी टीम 229/5 ही रन बना सकी
सुनील गावस्कर ने 83, अशोक मल्होत्रा ने 65 और कपिल देव ने नाबाद 44 रन बनाए। इस मैच में कपिल 1000 एकदिवसीय रन बनाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने। इस तरह वेस्टइंडीज ने सीरीज में 4-0 की बढ़त बना ली।
भारत सौ रन से अधिक के अंतर से मैच हार गया, लेकिन 5 विकेट लेने में सफल रहा। इससे पता चलता है कि भारतीय टीम उन दिनों एकदिवसीय क्रिकेट में लक्ष्य का पीछा करते समय किस तरह का रवैया अपनाती थी।
इस तरह से भारतीय क्रिकेट टीम ने बेस्टइंडीज के सामने एक दिवसीय मैचों में अपने घुटने टेक दिए थे लेकिन अब बारी आती है टेस्ट क्रिकेट की जोकि कानपुर, अहमदाबाद और दिल्ली जैसे शहरों में होना था
भारत, वेस्टइंडीज पहला टेस्ट मैच (कानपुर):-
भारतीय क्रिकेट टीम की एक दिवसीय मैचों में शर्मनाक हार के बाद टेस्ट मैचों में कुछ अच्छा प्रदेशन करने का प्रेशर था जो क्रिकेट प्रेमी रिकॉर्ड में रुचि रखने रखते है उनके लिए यह जानना बहुत जरुरी है , सुनील गावस्कर को ऑस्ट्रेलिया के डॉन ब्रैडमैन द्वारा बनाए गए 29 टेस्ट शतकों के विश्व रिकॉर्ड की बराबरी करने के लिए एक और शतक की आवश्यकता थी।
हालांकि भारत ने वेस्ट इंडीज की आधी टीम को 157 रन पर आउट कर दिया, जिसमें गॉर्डन ग्रीनिज (194) ने डुजोन (81) और मार्शल (92) के रनों ने सुनिश्चित कर दिया कि वेस्टइंडीज 454 के बहुत अच्छे स्कोर तक पहुंच जाए।
एस बार फिर से भारतीय बल्लेबाजों ने फिर निराशाजनक प्रदर्शन किया या हम ये कहें वेस्टइंडीज गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मैच को एकतरफा मुकाबला बना दिया। मैल्कम मार्शल और माइकल होल्डिंग ने भारतीय बल्लेबाजी लाइन-अप को ध्वस्त कर दिया।
एस समय भारत 90/8 पर लुढ़क गया। लेकिन रोजर बिन्नी और मदन लाल ने नौवें विकेट के लिए 117 रन की साझेदारी कर भारतीय टीम का कुछ सम्मान सुनिश्चित किया। बिन्नी ने 39 रन बनाए जबकि मदन लाल 63 रन बनाकर नाबाद रहे। भारत की पूरी टीम 207 रन पर आउट हो गयी
बेस्टइंडीज की टीम ने भारत को फॉलो-ऑन के लिए मजबूर किया गया और भारत ने फिर से बल्लेबाजी शुरू की, दूसरी पारी में भी कहानी कुछ अलग नहीं थी और दूसरी पारी में भी पूरी टीम को मात्र 164 रनों पर समेट दिया गया था। दूसरी पारी में वेंगसरकर ने 65 और रवि शास्त्री ने नाबाद 46 रन बनाए। इस तरह भारत पहला टेस्ट पारी से हार गया।
स्पिनर रघुराम भट ने इस टेस्ट में आखिरी बार भारत का प्रतिनिधित्व किया था। रघुराम भट ने पिछली श्रृंखला में ही नागपुर में पाकिस्तान के खिलाफ पदार्पण किया था और इतने होनहार स्पिनर के लिए केवल 2 टेस्ट मैचों में मौका दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण था।
प्रशंसक बुरी तरह निराश थे। बात यह थी कि भारतीय टीम वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाजों के लिए कोई मुकाबला नहीं थी और वे उन्हें ठीक से नहीं खेल पाएंगे। ऐसा लग रहा था कि विश्व कप जीत एक दिखावा थी। उसके बाद कुछ दिनों तक क्रिकेट की कोई चर्चा ही नहीं हुई और दिल्ली में दूसरा टेस्ट मैच बिना ज्यादा धूमधाम के शुरू हो गया.
भारत, वेस्टइंडीज दूसरा टेस्ट मैच (दिल्ली ):-
इस मैच में भारत की शुरुआत काफी अच्छी रही,सुनील गावस्कर ने सिर्फ 94 गेंदों में अपना शतक पूरा कर स्ट्रोक से भरी पारी से सभी को चौंका दिया। भारत ने पहले दिन का अंत 3 विकेट पर 299 रन पर किया और वेंगसरकर भी 114 रन बनाकर नाबाद रहे, हालांकि गावस्कर पहले दिन 121 रन पर आउट हो गए थे। इस मैच में गावस्कर ने 29वां टेस्ट शतक लगाकर डॉन ब्रैडमैन की बराबरी
इस मैच में सुनील गावस्कर और दिलीप वेंगसरकर का प्रदर्शन लाजवाब रहा। कानपुर टेस्ट में दयनीय प्रदर्शन की पृष्ठभूमि के साथ, तत्काल खेल में इतना आक्रामक प्रदर्शन प्रदर्शित करना आसान नहीं था। कपिल का प्रदर्शन भी शानदार रहा क्योंकि इसने भारत को पहली पारी की बढ़त दिलाई।
ऐसा कहा जाता है दिलीप वेंगसरकर उन दिनों के सबसे अच्छे फ्रंट फुट खिलाड़ियों में से एक थे। वह वेस्टइंडीज के गेंदबाजों को फ्रंट फुट पर खेलने से कभी नहीं डरते इसलिए उनके खिलाफ उन्हें बहुत अच्छी सफलता मिली थी।
दूसरा टेस्ट ड्रॉ होने के बाद भारत का आत्मविश्वास कई गुना बढ़ गया।
भारत, वेस्टइंडीज तीसरा टेस्ट मैच (अहमदाबाद):-
अहमदाबाद के एक नए मैदान में तीसरे क्रिकेट टेस्ट के लिए मंच तैयार था भारतीय टीम के कप्तान कपिल देव ने टॉस जीतकर पहले फील्डिंग करने का फैसला किया। यह फैसला सही साबित दिख रहा था जब रोजर बिन्नी ने वेस्टइंडीज के शीर्ष तीन बल्लेबाजों ग्रीनिज, हेन्स और रिचर्ड्स को आउट किया।
लेकिन दुर्भाग्य से भारत के लिए गति खो गई क्योंकि चोट के कारण बिन्नी को पवेलियन लौटना पड़ा और इस टेस्ट मैच में वह फिर से दोबारा गेंदबाजी नहीं कर सके। टीम ने संघर्ष करना जारी रखा और वेस्ट इंडीज को 281 के स्कोर पर आउट कर दिया। भारत के लिए मनिंदर सिंह ने 4 विकेट लिए, जबकि बिन्नी ने 3 विकेट लिए।
भारत क तरफ से गायकवाड़ 39 रन पर आउट हुए तो उन्होंने 127 रन बनाए। गावस्कर भी शतक से चूक गए जब वह 90 रन पर आउट हुए और भारत ने दूसरे दिन का अंत 2 विकेट पर 173 रन बना लिए थे लेकिन अगले दिन चीजों ने एक अलग मोड़ ले लिया क्योंकि टीम केवल कपिल देव के साथ 31 के स्कोर के साथ लड़खड़ा गई।
वेन डेनियल ने वेस्टइंडीज के लिए 5 विकेट चटकाए इसके साथ- साथ मेहमान टीम को 40 रनों की बढ़त हासिल की।
भारत की पहली पारी की खास बात यह रही कि सुनील गावस्कर ने ज्योफ बॉयकॉट के 8114 रनों के रिकॉर्ड को तोड़कर गावस्कर टेस्ट क्रिकेट में अब तक के सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। यह रिकॉर्ड लंबे समय तक गावस्कर के पास रहा जब तक कि एलन बॉर्डर ने इसे तोड़ नहीं दिया।
भारत ने तीसरे दिन मैच में अच्छी वापसी की और दूसरी पारी में वेस्टइंडीज के 7 विकेट चटकाए, जिनमें से कपिल ने 6 विकेट लिए। अगले दिन, कपिल ने बाकी के 3 विकेट लिए और 9/83 के साथ समाप्त हुआ। यह प्रयास उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ रहा।
इस पारी का सबसे उल्लेखनीय तथ्य यह था कि कपिल ने एक ही स्पेल में सभी 30.3 ओवर फेंके और अंत में गेंदबाज को नहीं बदला। क्या कोई कल्पना कर सकता है कि आज के समय में कोई तेज गेंदबाज इतना लंबा स्पैल फेंके और उसे फिटनेस या चोट की कोई समस्या न हो?
लेकिन कपिल की कोशिश बेकार गई। जब भारतीय टीम को जितने के लिए मात्र डेढ़ दिन में 242 का लक्ष्य मिला था, स्कोर का पीछा करते हुए भारत की पूरी टीम फिर से टीम 103 रन पर ढेर हो गई। सुनील गावस्कर 1 रन पर आउट हो गए। इस तरह वेस्टइंडीज ने लगातार टीम मैचों में 2-0 की बढ़त बना ली।
भारत के लिए नवजोत सिंह सिद्धू ने इस टेस्ट मैच से डेब्यू किया था। यह टेस्ट बलविंदर सिंह संधू के लिए भी आखिरी टेस्ट मैच था, जिनका करियर बहुत छोटा रहा इन्होने 1983 में पाकिस्तान के खिलाफ हैदराबाद (सिंध) में टेस्ट मैच से पदार्पण किया। यह टेस्ट ऑलराउंडर कीर्ति आज़ाद के लिए भी आखिरी टेस्ट था। कीर्ति आजाद ने 1981 में वेलिंगटन में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया।
मैच में गावस्कर और कपिल देव का प्रदर्शन शानदार रहा। गावस्कर ने गेंदबाजी ट्रैक पर 90 रन बनाए…
इस मैच में कपिल देव ने बिना ब्रेक के अंत से लगातार 30.3 ओवर फेंके। यह उनकी फिटनेस और टीम के प्रति प्रतिबद्धता का सबूत था। अनिल कुंबले ने 1999 में एक पारी में सभी 10 विकेट लेकर रिकॉर्ड तोड़ दिया, तब तक कपिल का एक पारी में 9 विकेट लेना एक भारतीय रिकॉर्ड बना रहा।
भारत, वेस्टइंडीज चौथा टेस्ट मैच (बंबई):-
इस मैच में भारतीय टीम के उपर बहुत दबाव था जिस तरफ से एक दिवसीय एन खराब प्रदर्शन रहा उसके बाद, 3 टेस्ट मैचों में 0-2 से पीछे थी, दोनों टीमें बंबई में पहुचने के साथ-साथ नया कारनामा करने के बारे में सोच रही थी भारतीय टीम में वेंगसरकर वापस आ गए और इन्होने जिस तरह से बल्लेबाजी की काबिले तारीफ थी, क्योंकि भारत ने पहली पारी में 463 रन बनाए। भारत के लिए वेंगसरकर ने 100, रवि शास्त्री ने 77 और रोजर बिन्नी ने 65 रन बनाए।
दूसरी तरफ वेस्टइंडीज की पूरी टीम 393 रन पर ऑल आउट हो गयी,इस मैच में भारत को 70 रन की बढ़त मिली,भारत के लिए शिवलाल यादव ने 5 विकेट झटके।
भारत ने चाय से पहले अंतिम दिन वेस्टइंडीज को 244 रनों का लक्ष्य देते हुए 173/5 पर दूसरी पारी घोषित की। अशोक मल्होत्रा, जिन्होंने नाबाद 72 रन बनाए और मदन लाल के साथ उनकी 6वें विकेट की महत्पूर्ण साझेदारी ने भारत को अच्छे मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया
वेस्टइंडीज ने अपनी दूसरी पारी में 104/4 का स्कोर बनाया और टेस्ट ड्रा में समाप्त हुआ। इस प्रकार वेस्टइंडीज ने 4 टेस्ट मैचों के बाद श्रृंखला 2-0 से आगे थी । इस स्तर पर, भारत के पास श्रृंखला को बचाने के लिए श्रृंखला के अंतिम दो टेस्ट जीतने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
वेंगसरकर का शतक उनके टेस्ट करियर का 8वां शतक था।
वेंगसरकर, शास्त्री, बिन्नी, मल्होत्रा और मदन लाल उत्कृष्ट खिलाडी थे। वेंगसरकर, शास्त्री और बिन्नी ने भारत के लिए पहली पारी में एक बड़ा स्कोर सुनिश्चित किया, जबकि मल्होत्रा और मदन लाल ने दूसरी पारी में टीम को बल्लेबाजी की कमी से बचाया।
मल्होत्रा, कपिल देव, रवि शास्त्री और मदन लाल ने बेहतरीन प्रदर्शन किया क्योंकि उनकी तेज पारियों ने भारत के लिए अच्छा स्कोर सुनिश्चित किया।
भारत, वेस्टइंडीज पांचवा टेस्ट मैच (कलकत्ता):-
उस समय कलकत्ता में पांचवें टेस्ट मैच का समय था। जैसा कि भारत ने पहले बल्लेबाजी की,भारत की शुरुआत कभी खराब रही, वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज मैल्कम मार्शल ने सुनील गावस्कर को मैच की पहली ही गेंद पर आउट कर दिया
भारत ने कुछ ही देर में 63 रन के अंदर अपने 6 विकेट गंवा दिए। हालांकि, रोजर बिन्नी ने 44, कपिल देव ने 69 और किरमानी ने 49 रन बनाकर भारतीय पारी में वापसी की और अंत में भारत को 241 के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया।
भारतीय कप्तान कपिल देव ने इस मेच में चार विकेट लिए। बहरहाल, नौवें विकेट के लिए 161 रन की साझेदारी हुयी 6 टेस्ट मैचों की श्रंखला में वेस्ट इंडीज ने 3-0 से अपने नाम कर ली थी |
- ICC वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप, नियम, टीमें, 2023-2031
- 1983 वर्ल्ड कप, टीमें, विजेता, सबसे ज्यादा रन , विकेट
- 1979 विश्वकप, टीमें, विजेता, उपविजेता
- 1975 विश्वकप टीमें, मैदान, सेमीफाईनल, फ़ाइनल
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FAQ
भारत वेस्टइंडीज चौथे एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच (जमशेदपुर) में वर्ष (अक्टूबर 1983 – दिसंबर 1983)के दौरान खेला था
इन्होने 1981 में वेलिंगटन में न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया।
संधू ने 1983 में पाकिस्तान के खिलाफ हैदराबाद (सिंध) में टेस्ट मैच से पदार्पण किया था